▪️मोहर्रम की 7 तारीख को निकाला गया जुलूस इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम को ख़िराजे- अक़ीदत पेश करते हुए ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती फ़रमाते हैं.. !
▪️शाह अस्त हुसैन, बादशाह अस्त हुसैन दीन अस्त हुसैन, दीन-पनाह अस्त हुसैन सरदाद न दाद दस्त, दर दस्ते-यज़ीद हक़्क़ा के बिना, लाइलाह अस्त हुसैन..!
♦️राज जांभूळकर – मुख्य कार्यकारी संपादक
चंद्रपूर – ( इंडिया 24 न्यूज ) : शिया इस्ना अशेरी ईरानी जमात चंद्रपुर द्वारा दिनांक 6/8/22 रोज मोहर्रम की सातवीं तारीख पर नियोजन भवन के पास से बस स्टॉप चौक तक मातमी जुलूस निकाला गया. यह जुलूस इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की याद में निकाला गया.हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैहे व सल्लम के नवासे इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने अपने नाना के दिन को बचाने के लिए अपने कुनबे और साथियों को कुर्बान कर दिया. इमाम हुसैन की याद में पूरे विश्व में मातम करके मोहर्रम मनाया जाता है. कर्बला के मैदान में यज़ीद नामक बादशाह चाहता था कि इस्लाम मजहब बाकी ना रहे लेकिन हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैहे व सल्लम के नवासे इमाम हुसैन ने यज़ीद का साथ नहीं दिया और अपने कुनबे,अपनी और अपने साथियों की शहादत (कुर्बानी) देकर इस्लाम मजहब को बचा लिया…क़त्ले-हुसैन असल में मर्गे-यज़ीद है
इस्लाम ज़िन्दा होता है हर कर्बला के बाद…